RTI COUNCIL OF U.P. FORMED
सूचना का अधिकार अधिनियम के ५ वर्ष पूरे होने पर सरकारी तंत्र कि इस पर उदासीनता एवं सूचना आयोग कि निष्क्रियता और निरंकुशता के कारण देश भर में वर्ष २००९-१० में १० साथियो के शहीद होने पर अलग अलग शहरों में कार्यरत सूचना के सिपाहियों में एक निराशा सी आने लगी थी जिसकी एक वजह यह भी रही कि पूरे देश में हज़ारो के संख्या में लोग छोटे छोटे समूह बनाकर बड़े बड़े भ्रष्टाचारो के कारनामे उजागर करने में लगे होने के पश्चात भी कोई संगठित तंत्र अभी तक नहीं खडा कर सके
इन सभी से व्यथित होकर उत्तर प्रदेश के कुछ कार्यकर्ताओं ने एक पहल करते हुवे दिनांक ३० एवं ३१ अक्टोबर २०१० में विभिन्न जिलो से अलीगढ शहर में एकत्रित होकर प्रांत में व्याप्त सूचना अधिकार एवं उससे सम्बंधित अनियमितता, आयोग का सरकारी तंत्र के बचाव में कानून विरोधी निर्णय प्रदान करना आदि पर गहन चिंतन मंथन के पश्चात सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुवे समस्त प्रांत के सूचना कार्यकर्ताओं के विभिन्न संगठनो को एक सूत्र में पिरोने हेतु एक महासंघ RTI COUNCIL OF U.P. के गठन कि घोषणा कि जो कि प्रथम चरण में जिलास्तर के सभी संगठनो को इससे जोडने का कार्य करेगी जिससे सभी संगठनो में बेहतर तालमेल कायम हो सके इसके कार्य को सुचारू रूप से चलाने हेतु १५ सदस्यों की एक गवर्निंग बोडी के गठन के साथ साथ संयोजक के तौर पर श्री अनिल जानी, मेरठ एवं श्री अखिलेश सक्सेना , लखनऊ कि नियुक्ति करते हुवे आने वाले ४५ दिनों में एक बैठक कर अपनी कार्य वृत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करेंगे
On completion of 5 years of Information Act , the passivity and indifference of the government machinery that and Information Commission throughout the country in 2009-10 to 10 activists working in different cities were killed. This resulted in a kind of disappointment , the reason is also that thousands of people across the country has formed small small groups and started digging out information of all the big cases of corruptions . the irony is that they never thought of this situation and be united nationwide or state wise,
Through all these distressed , some workers of Uttar Pradesh taken an initiative and invited people across the state on 30 and 31 October at Aligarh for consultation and discuss the situation as created by the Public Information Officers of various Govt. Department , and the illegal decision of the Commission acting as an agent to various government departments. After thorough day long discussions and deliberations evolved a furmula and decided to furm a federation of all the RTI activists of the Same in the name of RTI COUNCIL OF U.P. To improve the coordination of all possible organizations to work it to run smoothly , formed a 15-member Governing Body with the coordinator as Shri Anil Jani , Meerut and Mr. Akhilesh Saxena, Lucknow
The Governing body will meet again within 45 days to take stocks of the progress made.
IT IS EARNESTLY REQUESTED THAT ALL THE INDIVIDUAL ORGANISATIONS, NGO, INDIVIDUALS SHOULD JOIN THIS COUNCIL INORDER TO STRENGHTEN THE CAUSE OF RTI MOVEMENT IN UTTAR PRADESH>
KINDLY CONTACT SRI BIMAL KHEMANI, ALIGARH (U.P.)
Mob:09359724625
The Right to Information Act 2005, is the biggest fraud inflicted upon on the citizens since the Nehru-Gandhi family.
Monday, November 1, 2010
[rti_india] RTI COUNCIL UP FORMED
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MARKETPLACE
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