Wednesday, December 31, 2014

[IAC#RG] नववर्ष में मुमकिन

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मुमकिन
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नववर्ष लाएगी नयी संभावनाएँ,
भाईचारा - सहयोग सभी अपनाएँ,
शुभ संकल्प का आया शुभ दिन,
भारत को स्वर्ग बनाना मुमकिन।…2

हस्तिनापुर से चलेगी हवा,
बदलेगी लोक और जन सेवा,
सोचना हमसब का है समीचीन ,
व्यवस्था - परिवर्तन है मुमकिन। …2

हो जनता के हाथों में सरकार,
शिक्षा - स्वास्थय न हो व्यापार,
आएगी संच समता एक दिन,
संविधान के सपने हैं मुमकिन। … 2

देश की सारी जनता जागेगी तभी,
मिटेगा अनाचार-भ्रष्टाचार सभी,
क्रांति और कविता दोनों हो समकालीन,
स्वराज, सत्य, स्वच्छ भारत है मुमकिन। …2

सभी देशप्रेमी, मानवताप्रेमी, सुधारप्रेमी भाई - बहनों को आने वाले
नववर्ष की बधाई और शुभकामनाएँ ।
ॐ . ੴ . اللّٰه . † …….
Om.Onkar. Allâh.God…..
Jai Hind! Jai Jagat (Universe)!
- ग़ुलाम कुन्दनम् ( स्वयंसेवक, आम आदमी पार्टी)।
9931018391

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