Thursday, August 16, 2018

[IAC#RG] जरा घूम कर आता हूँ

जरा घूम कर आता हूँ
…………………………

चलता हूँ अभी स्वर्ग,
जरा घूम कर आता हूँ। चलता …

"व्यक्ति से बड़ा है दल
और दल से बड़ा है देश",
विश्व को भी बता आए
पढ़ राष्ट्रसंघ में संदेश,
विश्व बंधुत्व, मानवता से
हर भेद मिटाता हूँ। चलता …

"मित्र बदले जा सकते हैं
पड़ोसी नहीं बदले जाते",
ताकत हम भी रखते हैं
पर प्यार-मोहब्बत ही फैलाते,
सदा- ए - सरहद बस सेवा
लाहौर तक चलाता हूँ। चलता …

मन-कर्म-वचन में प्रेम भरा
जल-थल-नभ में फैली शक्ति,
पोखरण के परमाणु भी बोले
सत्य-अहिंसा-शांति में भक्ति,
शास्त्र - शस्त्र दोनों में सक्षम
प्रेम के गीत गाता हूँ। चलता …

दिल - दिमाग और जमी पर
देश और दुनियाँ को जोड़ा,
चार - चार सुन्दर सड़कों को
चतुर्भुजीय आकार में मोड़ा,
अपनों से तो सभी मिलते
गैरों को गले लगाता हूँ। चलता …

राजनीति भले ही छोड़ दूँ
'अटल' राजघर्म नहीं छोड़ूँगा,
सत्ता रहे या जाये
भाईचारा नहीं तोड़ूँगा,
मैं सत्ता के गीत नहीं
सदैव संघर्ष गुनगुनाता हूँ। चलता …

भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी को उनके निधन पर काव्यात्मक नमन।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति एवं सदगति प्रदान करें।

Õm - Õnkār - Allāh - God…..
ॐ - ੴ - الله - † …….
Jai Hind! Jai Jagat (Universe)!
- ग़ुलाम कुन्दनम्
(Ghulam Kundanam).
16/08/2018.

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