Thursday, June 8, 2017

[IAC#RG] "भारत कभी सत्य - अहिंसा का पुजारी था"

"भारत कभी सत्य - अहिंसा का पुजारी था"
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हिंसा का प्रशिक्षण देकर,
अहिंसा की उम्मीद,
क्यों लगाए बैठे हैं नेता?
बंद - हडताल का आहवान कर,
राजनीतिक दलों के नेताओं ने अबतक
देश भर में हिंसा क्यों कराया था?
हिंसक आंदोलन का नेतृत्व कर रहे
किसान संगठन के नेता को
हिंसा का प्रशिक्षण किसने दिलाया था?
अहिंसक सत्याग्रह की आवाज़
न सुनने की अंग्रेजी नीति ने ही,
हिंसक क्रांति की आग को सुलगाया था।
किसान-मजदूर-गरीब-बेरोजगार को मूर्ख बना
कार्पोरेटों को लाभ दिलाने की नीति
किस - किस ने बनाया था?
जनलोकपाल आन्दोलन के दौरान,
हमने एक कंकड तक नहीं उछाले,
फिर भी पूरी संसद को हिलाया था।
हिंसा का समर्थन हम नहीं करते,
पर लोग कबतक रहेंगे मरते?
टूटते धौर्य ने गाँधीजी के आन्दोलन को भी,
कभी उग्र - हिंसक बनाया था।
सरकार से भी अपील है
अहिंसक आंदोलनों की सुनें,
आंदोलनकारियों से भी अपील है,
अहिंसा का रास्ता चुनें,
नहीं तो, इतिहास में लिखा मिलेगा,
भारत कभी सत्य - अहिंसा का पुजारी था । 2 ।

हम ॐ.ੴ.الله .† ……. (Õm - Õnkār - Allāh .God…..) से मंदसौर पुलिस
फायरिंग में शहीद हुए किसानों की आत्मा को शांति प्रदान करने की
प्रार्थना करते हैं। घायल किसानोंन एवं हिंसात्मक आंदोलन में घायलों के
शीघ्र स्वस्थ होने की कामना, प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना
तथा संपत्ति के नुकसान पर भी दुख व्यक्त करते हुए पीड़ितों को ईश्वर से
शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं ।
मंदसौर से पहले नंदीग्राम, सिंगुर, भट्टा-पारसौल और टप्पल में भी देश के
अन्नदाता मारे गए हैं । इसके लिए सभी पूरवर्ती पार्टियों की सरकारें और
उनकी दोगली नीतियाँ जिम्मेदार रही हैं। भाजपा और कांग्रेस मंदसौर हिंसा
के लिए एक दूसरे को दोषी बता रहें हैं, जबकि दोनों की गलत नीतियाँ इसके
लिए जिम्मेदार हैं, दोनों के नेता इसमें शामिल रहे हैं। कांग्रेस के
नेताओं के शामिल होने की बात की जा रही है तो आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे
नेता संघ के किसान संगठन के नेता रह चुके हैं। समस्या को सिर्फ राजनैतिक
लड़ाई बताकर किसानों की असली माँगों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
हम सरकारों से किसानो, मजदूरों, गरीबों और बेरोजगारों के लिए साफ मन से
उनके हित में योजनाएँ बनाने, उनकी मांगों पर समय रहते ध्यान देने और
दोगली तथा धोखेबाज़ी वाली नीतियाँ छोड़ने की भी अपील करते हैं।
आंदोलनकारियों से भी आंदोलन को अहिंसक बनाने की प्रार्थना करते हैं।

Õm - Õnkār - Allāh .God…..
ॐ.ੴ.الله .† …….
Jai Hind! Jai Jagat (Universe)!
- ग़ुलाम कुन्दनम् (Ghulam Kundanam).
09/06/2017.


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