Tuesday, July 2, 2013

Re: [IAC#RG] सूचना के अधिकार के बारे में समाजवादी पार्टी का दोहरा चरित्र उजागर :सूचना के अधिकार का पत्र लौटाया

 
Urvashi Bahan
Namaste.
Thanks for awakening us about the real face of so called LOKPRTINIDHI ORGANISATIONs.
 
But my view is different.
I  think the negativity is already spread much everywhere. This time we need more to disseminate positivity. Only then the positive attempt will flourish and negative attempt will washout.
 What do you think ?
ARUN
 


2013/7/1 urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com>
सूचना के अधिकार के बारे में समाजवादी पार्टी का दोहरा चरित्र उजागर
:सूचना के अधिकार का पत्र लौटाया


यूँ तो समाजवादी पार्टी राजनैतिक दलों को सूचना के अधिकार के दायरे में
लाने के केंद्रीय सूचना आयोग के फैसले का स्वागत कर रही है किन्तु यही
समाजवादी पार्टी स्वयं को सूचना के अधिकार के दायरे में लाने के प्रति
बास्तव में कतई भी गंभीर नहीं है l


समाजवादी पार्टी की कथनी की सत्यता जांचने के लिए मैंने दिनांक 13-06-13
को समाजवादी पार्टी के लखनऊ कार्यालय से सूचना मांगी थी lजन सूचना
अधिकारी - समाजवादी पार्टी ,19,विक्रमादित्य मार्ग,लखनऊ,उत्तर प्रदेश,पिन
कोड -226001 को पंजीकृत पत्र  संख्या A RU 301995749IN दिनांक 14-06-13
के माध्यम से प्रेषित पत्र डाक विभाग की अभ्युक्ति  "कार्यालय में इस
पदनाम का कोई नहीं है अतः बापस " के साथ मुझे बापस मिल गया है l इससे
स्पस्ट है कि समाजवादी पार्टी कहने को तो राजनैतिक दलों को सूचना के
अधिकार के दायरे में  लाने के केंद्रीय सूचना आयोग के फैसले का स्वागत कर
रही है किन्तु यही  समाजवादी पार्टी स्वयं को सूचना के अधिकार के दायरे
में लाने को तैयार नहीं है l इस प्रकार समाजवादी पार्टी का रवैया "पर
उपदेश कुशल बहुतेरे" की कहावत को चरितार्थ करता है l


मेरे अनुसार समाजवादी पार्टी भी अन्य राष्ट्रीय दलों यथा कॉंग्रेस,भारतीय
जनता पार्टी आदि से कतई भिन्न नहीं है और इस प्रकरण में ये सभी दल "चोर
चोर मौसेरे भाई" की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं l  राजनैतिक पार्टी की
कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए  "चेक एंड बैलेंस सिस्टम" होना
आवश्यक है l  राजनैतिक पार्टियाँ वैसे तो मात्र  जनता के भले लिए काम
करने का दिखाबा करती हैं किन्तु उनके इस प्रकार के पारदर्शिता-विरोधी
कृत्य उनकी कथनी और करनी के अंतर को स्पस्ट कर देते हैं l यदि ये
पार्टियाँ जनता के ही लिए कार्य करती हैं तो उसी जनता से अपनी
कार्यप्रणाली को छुपाने का भला क्या मतलब हो सकता है l   सामान्य रूप से
यह माना जाता है कि सत्तानशीन राजनैतिक दल सत्ता की शक्ति का प्रयोग कर
अवैध रूप से धन कमाकर उसे पार्टी फंड में स्वैच्छिक दान के रूप में जमा
दिखाकर सत्ता का दुरुपयोग करते हैं l राजनैतिक दलों का पारदर्शिता-विरोधी
रवैया इस अवधारणा की पुष्टि करता है l


 पत्र और बापस प्राप्त लिफाफे की 3 स्कैन्ड कॉपी भी मेल के साथ अटैच्ड है l

उर्वशी शर्मा
सामाजिक कार्यकत्री
मोबाइल – 9369613513,8081898081,9455553838 rtimahilamanchup@gmail.com

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