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Dear Ms MEENAIf you want to know truth about INDIA AGAINST CORRUPTION exposing that Anna Hazare and BJP are working together again to fool innocent public you must see this video of Sarabjit at SSC SCAM student protest. Unfortunately it is mostly in Hindi / English language mix, it is posted by Aam Aadmi Party. If you need any translation you can ask me.
https://www.facebook.com/groups/389615067846466/ permalink/1060828010725165/ RP Dalvi2018-03-15 14:31 GMT+05:30 rajarajan k <rajarajank53@gmail.com>:Dear Annaji,We would very much like to know the contents of this mail.As many of us can not read Hindi, it would be nice if a proper English translation is uploaded. Google translation is unreadable.Thank youRegardsK. Raja RajanOn Thu, 15 Mar 2018 at 10:29, Anna Hazare <annahazareoffice@gmail.com> wrote:
23 मार्च, चलो दिल्ली... सत्याग्रह आंदोलन
लोकपाल लोकायुक्त कानून 2013 पर अंमल, किसानों की समस्याओं का निवारण तथा चुनाव सुधार के लिए 23 मार्च 2018 से दिल्ली में शुरू हो रहे आंदोलन के बारे में...
स्वतंत्रता के बाद हमारे देश को भ्रष्टाचार के राक्षस नें पुरी तरह से घिरा हुआ हैं। दिनबदिन बढ़ते भ्रष्टाचार के कारण सामान्य लोगों को जीना मुश्किल हो रहा हैं। एक तरफ हम देश को महासत्ता बनाने का सपना देख रहें हैं। लेकिन दुसरी तरफ विकास को रोखनेवाले भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ भी नहीं कर रहें हैं। देश में किसी भी पार्टी की सत्ता क्यों न हो, लेकिन भ्रष्टाचार के बारे में कोई भी सरकार गम्भीर नहीं हैं यह वास्तव हैं। ऐसे स्थिती में कैसे होगा भ्रष्टाचार मुक्त भारत? इस बात की बड़ी चिन्ता हो रही हैं। मौजुदा मोदी सरकारने चुनाव प्रचार में सक्षम लोकपाल लागू करना, किसानों के लिए राहत दिलानेवाली व्यवस्था निर्माण करना, चुनावी प्रक्रिया में सुधार करना और भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण करने के लिए प्राथमिकता देना इस बारे में अपने घोषणापत्र में आश्वासन दिए थे। लेकिन इनमें से एक भी आश्वासन की पूर्ती नहीं हुई।
1) हमारे देश को कृषि प्रधान देश कहते हैं। 65 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर हैं। लेकिन आज़ादी के बाद आज तक कृषि और किसानों के बारें में सभी सरकारों ने गलत नीति अपनाई। इस कारण आज किसानों की हालत गम्भीर हैं। लाखो किसानों नें आत्महत्या की हैं, यह हमारे कृषि प्रधान देश के लिए बहुत ही शर्मनाक बात हैं। 'माल खाए मदारी नाच करे बंदर' ऐसी किसानों की हालत हैं। कृषि उपज को लागत के खर्चे पर आधारित देड गुना सही दाम नहीं मिलता। राज्य और केंद्र के कृषि मूल्य आयोग की कृषि उपज के दाम निश्चित करने की नीति सही नहीं हैं। उसमें केंद्र सरकार की ओर से कृषिमूल्य आयोग के अधिकार में अनावश्यक हस्तक्षेप किया जाता हैं। इसलिए राज्य और केंद्रीय कृषि मूल्य आयोग को चुनाव आयोग नुसार संवैधानिक स्थान तथा सम्पूर्ण स्वायत्तता प्रदान करना जरूरी है। ताकि सरकार का हस्तक्षेप ना रहे। कृषिमूल्य निश्चित करने के लिए देश के अनुभवी विशेषज्ञ किसान आयोग में हो। कृषि उपज मूल्य के साथ कृषि बिक्री मुल्य निश्चित करना जरूरी है। सही बिक्री मुल्य ना मिलने पर उसकी भरपाई सरकार द्वारा करने का प्रावधान कानून में हो। कृषि कर्जे पर गैरकानुनी तरिके से चक्रबृद्धि ब्याज वसुला जाता हैं। औद्योगिक क्षेत्र की तुलना में कृषि क्षेत्र के लिए निवेश नहीं बढ़ाया जाता। सिर्फ कृषि पर निर्भर 60 साल उम्र के किसान और मजदूरों के लिए पेन्शन जैसी कोई भी योजना नहीं हैं। उनको पांच हजार माह पेन्शन मिले। आज की कृषी विमा योजना की पद्धती ठीक नही है । किसानो की फसल विमा योजना का लाभ"व्यक्तीगत" किसान को मिलना चाहिए। सामुहिक मंडल कि तरह सें विमा ठिक नही है ।
2) देश की जनता भी भ्रष्टाचार के कारण बाज़ आ गयी हैं। ऐसे स्थिती में भ्रष्टाचार को रोखनेवाली एक स्वायत्त व्यवस्था होनी चाहिए, इसलिए देश की जनता नें 2011 में लोकपाल कानून की मांग को ले कर एक शान्तिपूर्ण और ऐतिहासिक आंदोलन किया। मैने इस आंदोलन में अपने प्राण दांव पर लगा दिए। अखिर 3 साल चलें इस आंदोलन के कारण 01 जनवरी 2014 को लोकपाल कानून पारित हो गया। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यह हैं की, चार साल बाद भी कानून पर अंमल नहीं हुआ। अब यह बात स्पष्ट हो चुकी हैं की, मौजुदा सरकार की लोकपाल कानून लागू करने की मन्शा नहीं हैं। इतना ही नहीं, किसी भी पार्टी की सरकार हो, वह लोकपाल जैसा भ्रष्टाचार को रोखनेवाला कानून नहीं चाहती। इसलिए 2013 के जन आंदोलन में जनता की मांग पर जो कानून बना था उसमें आवश्यकता के बिना संशोधन कर के कमजोर किया गया हैं। पिछले मनमोहन सिंग सरकारने धारा 63 में संशोधन कर के राज्यों के लिए जो लोकायुक्त की व्यवस्था थी वह कमजोर कर दी और मौजुदा मोदी सरकारने धारा 44 में संशोधन कर के मंत्रीगण, एमएलए, एमपी तथा सभी अधिकारीयों की सम्पत्ती घोषित करने के प्रावधान को कमजोर कर दिया। और भ्रष्टाचारियों को और भ्रष्टाचार करने के लिए रास्ता खुला कर दिया। इस बारें में सरकार के साथ 13 बार पत्राचार किया। लेकिन उसका जबाब तक नहीं मिला। कार्रवाई तो दूर की बात हैं। सर्वोच्च न्यायालयने लोकपाल नियुक्ती करने के लिए दो बार फटकार लगाने के बाद भी सरकार लोकपाल नियुक्त नही कर रही है ।
3) देश में बढ़ते हुए भ्रष्टाचार का मुख्य कारण हैं, मोजुदा चुनाव व्यवस्था। इस चुनाव व्यवस्था में तुरन्त सुधार की जरुरत हैं। हमने कई बार निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार के साथ इस बारे में पत्राचार किया हैं। लेकिन कोई भी निर्णय नहीं हो रहा हैं। सुधार के लिए नई नीति नहीं अपनाई जा रही हैं। टोटलाइज़र मशिन का उपयोग ना करने के कारण गोपनीयता भंग होती हैं। राईट टू रिजेक्ट, राईट टू रिकॉल, उमेद्वार का फोटो को ही चिन्ह मानना चाहिए ।
ऐसे स्थिती में लोकपाल लोकायुक्त, किसानों को न्याय और चुनाव सुधार के बारें में सरकार के साथ कई बार पत्राचार हुआ हैं। लेकिन सरकार कुछ भी नहीं करना चाहती। इसलिए मैने 23 मार्च 2018 से दिल्ली में अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन करने का निर्णय किया हैं। आंदोलन के मुद्दों पर जनजागरण के लिए तीन महिनों से मै देशभर यात्रा कर रहा हूं। अब तक 12 राज्यों में 37 सभाएं की हैं। भ्रष्टाचार, किसानों की समस्याओं के बारे में लोग बहुत ही नाराज़ है और काफी संख्या में आंदोलन के साथ जुड़ना चाहते हैं। इसलिए 23 मार्च से आंदोलन शुरू होगा। इस आंदोलन में निम्नलिखित मांगे रखी हैं।
किसानों की समस्याओं का निवारण...
1) कृषि उपज को लागत मूल्य के आधार पर (C3+50%) 50 प्रतिशत बढ़ाकर सही दाम मिले।
2) सिर्फ खेती पर निर्भर 60 साल उम्र के किसान और मजदूरों को प्रतिमाह 5 हजार पेन्शन मिले।
3) कृषि मूल्य आयोग (CACP) को संवैधानिक स्थान और सम्पूर्ण स्वायत्ता प्रदान करें। सरकार का हस्तक्षेप ना रहें।
4) किसानों के कृषि फसल का सामुहिक (मंडल) नहीं बल्कि व्यक्तिगत बिमा होना चाहिए।
लोकपाल लोकायुक्त कानून के बारें में...
5) मौजुदा लोकपाल लोकायुक्त कानून पर तुरन्त अंमल हो और लोकपाल की नियुक्ति हो।
6) लोकपाल कानून को कमजोर करनेवाले धारा 63 और धारा 44 में किये गये संशोधन रद्द हो।
7) केंद्र के लोकपाल के तहत हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त कानून लागू हो।
चुनाव सुधार के बारें में...
8) बैलेट पेपर पर उम्मिदवार की कलर फोटो ही उसका चुनाव चिन्ह बनाया जाए।
9) वोटों की गिनती के लिए टोटलाइज़र मशिन का उपयोग किया जाए।
10) NOTA को ही राईट टू रिजेक्ट (Right To Reject) का अधिकार प्रदान करें।
11) चुनाव में दिये गये आश्वासन अगर चुनकर आने के बाद पुरे नहीं किये जाते तो ऐसे जनप्रतिनिधी को वापस बुलाने का अधिकार (Right To Recall) जनता को होना चाहिए।
उपरोक्त प्रमुख मांगों के साथ आंदोलन की और भी मांगे है। वह आंदोलन के मंच से जाहीर की जाएगी। जब तक मांगे पुरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इसलिए आप भी इस आंदोलन में शामिल हो जाइए। दिल्ली आना चाहते हो तो तुरन्त अपना रिजर्वेशन कर लिजिए। आंदोलन मे अन्नाजी के साथ शामिल होने के लिए...
कृपया मिस्ड कॉल करें.... 8879069688
भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन
रालेगणसिद्धी, तह. पारनेर, जि. अहमदनगर 414302
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