Wednesday, August 4, 2010

[rti_india] re: Citizen Journalist - fight against corruption

 



Dear Sir,
 
We appreciate your commitment to Fight against Corruption. 
 
Please note that FIGHT AGAINST CORRUPTION is an ongoing process.  Its a mission.  If everybody will think, nothing can be done, then it would be a pessimistic approach.  Somebody at some point of time has to make a beginning.  We have made a beginning and we are sure that together, we can make a difference.   We are spreading information, knowledge and awareness  about corruption among masses.  We are also working a lot on RTI ACTIVISM.  Also we have a big team of legal experts and we give FREE LEGAL ADVICE on all issues.      We are asking like minded people to join hands with us and become our CITIZEN JOURNALIST.   If you also have a dream to see a CORRUPTION FREE INDIA, like us, then join hands with us and become our CITIZEN JOURNALIST and spread awareness among masses.  We are enclosing herewith our Form to become our citizen journalist.   Kindly fill it and send it to us. 
 
We look forward to have you as our esteemed citizen journalist.   Please also send us all the email ids available with you, so that we may send our articles regularly to them and make them aware.
 
Yatish Kumar Goel
Editor
Breaking News Today
B-254-I, Florence Marvel, Sushant Lok-III,
Sector 57, Gurgaon-122002.
Mobile: 99903 99904
 
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CITIZEN JOURNALIST APPLICATION – CUM – UNDERTAKING

(on plain paper)

                                                                                                                                                                Paste your

                                                                                                                                                                Passport

                                                                                                                                                                Size photo here

To

The Editor

Breaking News Today

Admin Office: B-254-I, Florence Marvel,

Sushant Lok-III, Sector 57, Gurgaon-122002.

Sir,

 

I hereby apply to voluntarily act as CITIZEN JOURNALIST of BREAKING NEWS TODAY.  My particulars are as under:

 

Name:

Father's Name

Spouse Name

Date of Birth

Address:

Tel:

Mobile

Email

Experience

Two References:

a.         Name

Address, Landline No. Mobile No.    Signature

 

b.      Name Address, Landline No, Mobile No., Signature

 

I further undertake that:

a)      I shall not do anything which is detrimental to the interests and reputation of BREAKING NEWS TODAY

b)      I shall abide by the directives issued by the Editorial Board of Breaking News Today in respect of its CITIZEN JOURNALIST

c)       I shall not misuse the IDENTITY CARD of BREAKING NEWS TODAY

d)      I shall provide the authentic news and information to Breaking News Today

e)      I understand that I am not an employee of Breaking News Today, nor Breaking News Today is responsible for any of my acts and deeds.

f)       I understand that CITIZEN JOURNALIST is for the welfare of the society and it is an Honarary Service i.e. without any Salary, Honararium or benefits.

g)      I understand that the Management of Breaking News Today has the right to discontinue me at any time as CITIZEN JOURNALIST of Breaking News Today.

h)      I submit myself to Delhi jurisdiction only in respect of this.

 

Name

Address

Signature

 

Notary Attestation

RNI Regn. No. DELBIL/2008/24327

Breaking News Today

Vol. No. II & Issue NO.21

27nd  July, 2010

Pages 16

 

 

बात वही, सोच नई

हर खबर पर पैनी नजर

नेता और अफसर

Corruption के रखवाले

 

देश में फैले भ्रष्टाचार को सभी दलों ने अपनी मौन स्वीकृति दे रखी है क्योंकि सभी दलों ने विगत में इतने घोटाले कर रखे हैं की उनके लिए इसके खिलाफ जाना नामुमकिन हैं यदि कोई दल इस बीमारी को दूर करने की बात करता है तो वह केवल एक दिखावा है छलावा है. इस देश की जनता का भ्रमित करना हैउनका अतीत इस बीमारी को दूर करने से रोकता हैसत्ता के भूखे  इन दलों की कोई सैद्धांतिक  विचारधारा नहीं हैकहने को यह अपने को इस देश के  गरीबों का  मसीहा कहते हैं लेकिन सबसे पहले यह छुरी गरीब जनता पर चलाते    हैं.  मंहगाई बढ़ रही है. इसका सबसे जयादा असर गरीब भारतवासियों पर पड रहा हैआज सभी  दलों के नेताओं की बातें हास्यप्रद लगती हैं. इनकी करनी और कथनी में बहुत अंतर हैइन्होने देश को समाजवादी व्यवस्था की बजाय पूंजीवादी व्यवस्था की और धकेल दिया है.  इनके अधिकतर कार्य  समाज  के कल्याण  के लिए नहीं पूंजीपतियों  की तिजोरियां  भरने  के लिए होता  है.      हमारे  संविधान  की भावना  पूंजीवादी  नहीं है.

 ,

इन भ्रष्ट नेताओं और Bureaucrats की  जीवन  शैली  बदल  गई  हैबड़ी  बड़ी  गाड़ियां,  बंगले, विदेश यात्राबैंक बैलेंस  इनकी चाहत   हो  गई  हैआज का माहौल  यह  हो  गया  है की जनता  की समस्यों को हल करने की बात करना एक छलावा है.   वास्तव में हमारे  सियासतदा अपने को घोटालों से बचाने में उलझे हुए हैंइसके बावजूद  वे  आज भी  भ्रष्ट  तरीके  से अधिक  से अधिक  धन  कमाने  में लगे  हैंबाहुबल  व्  पैसे  के बल  पर यह अपने विरोधियों  को ख़त्म   करने में भी  नहीं हिचकते.   केंद्र या  इस देश के किसी राज्य  में किसी दूसरे  दल की सरकार  आती  है तो जनता  बड़ी  उम्मीद  से उसकी  ओर  देखती  है की शायद  उसको  कुछ  राहत  मिलेगी  लेकिन सत्ता में आते  ही  वह  दल भी  उसी  रास्ते   पर चल  पड़ता   है या  उसे  चलने के लिए मजबूर कर दिया जाता   है.   क्योंकि काम तो उन्हें उन्ही भ्रष्ट Bureaucrats या बाबू से लेना हैवे तो अपनी जगह जमें हुए हैंवे फाइलों को अपनी मर्जी से चलाते  हैं. क्योंकि अधिकतर मंत्री अपने विभागों में आते ही नहीं हैं. उनको आम जनता से मिलना अच्छा नहीं लगता. उनका अधिकतर समय celebrities पूंजीवादी व्यवस्था के करणधारों से मिलने तथा दौरों   में गुजरता है. विगत वर्षों में इन भ्रष्ट नेताओं, Bureaucrats एवं बाबूओं की लाबी की  जडें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि यदि हजारों में एक कोई इमानदार नेता, अफसर या बाबू आवाज उठता है तो साम दाम दंड भेद, किसी ना किसी तरह  उसकी आवाज दबा दी जाती है. किरण बेदी इसकी एक मिसाल हैं.     

 

 

भ्रष्ट लाबी के हौंसले इतने बुलंद हैं कि जब किसी भ्रष्ट मंत्री, Bureaucrat या बाबू से जनता का कोई व्यक्ति इस विषय पर बात करता है तो उनके चहरे के भाव ऐसे होते हैं कि यह तो ऐसा हे चलता रहेगा रोक सको तो रोक लोइसको केवल महसूस किया जा सकता है. आज किसी भी दल में प्रवक्ता की भाषा सौम्य नहीं है. वे वाक युद्ध में विशवास करते हैं. जिससे वे अपने दल के हाईकमान के सामने अच्छे नंबर बना सकेंवे औछी से औछी  भाषा का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचातेवे शालीनता से अपने दल के घोटालों की मीडिया के सामने सफाई देने की बजाए दूसरे  दलों द्वारा विगत में हुए घोटालों को गिनाते हैंकैसी विडंबना है कि यदि किसी दल ने घोटाला किया है तो इससे  दूसरे दल को भी घोटाला करने का Licence मिल गयावे पलटवार करने के राजनीति करने जनता को गुमराह करते हैं.   हिंदुस्तान के लचर क़ानून भ्रष्टाचार में सहायक हैं.    आज की व्यवस्था के अन्दर भ्रष्टाचारी पर अंकुश लगाना नामुमकिन है. भ्रष्टाचारियों ने इस देश की जनता का Moral तोड़ दिया हैइस देश की जनता को पिछले ६३ सालों में धीरे धीरे यह समझा दिया गया है की हमारे इस देश में भ्रष्टाचारियों का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकताआम आदमी को इस देश में इन्साफ नहीं मिलता.  Common Wealth  Games हो जायेंगे लेकिन दिल्ली वासी सालों तक शीला सरकार के घोटालों की तपिश महसूस करते रहेंगेशीला सरकार का कहना है की विदेशियों के सामने हमारे देश की छवी ना बिगड़ेवह इस देश वासियों की अतिथि देव: भाव की भावना को भुनाना चाहती हैइस सरकार ने विदेशियों को बुद्धिहीन समझ रखा हैक्या वे प्रिंट मीडिया Electronic मीडिया के जरिये दिल्ली की हालत से वाकिफ नहीं हैदुनिया के देश बाखूबी जानते है की भारत देश ही ऐसा है की अपने देश के दिल्ली वासियों को उजाड़ कर हमारा स्वागत करेगाक्या दुनिया के लोग नहीं जानते की अच्छी बिल्डिंग तैयार करने में Minimum कितना वक्त लगता है. अगर एक डेढ़ साल में दिल्ली को पेरिस बनाया जा सकता है. सफाई व्यवस्था, पानी, बिजली सड़कें, transport आदि सभी चीजें International  Standard की हो सकती हैं, अफसरों और बाबूओं को शिष्ट बनाया जा सकता है,  तो पिछले ६३ सालों में इस देश की सफाई व्यवस्था क्यों चरमरा गई. महानगरों में जगह जगह कूड़े करकट के अम्बार किसी से छिपे नहीं हैं. दिल्ली मुंबई आदि महानगरों के नाले कचरे   से भरे रहते हैं जिसके कारण ज़रा सी बरसात में सभी जगह पानी भर जाता है. बिजली का ना आना एक आम बात है.  सडकों के खस्ता हालत और टांसपोर्ट की दुर्दशा से कौन वाक

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